ब्रह्मोस नेक्स्ट जेनरेशन
ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज,
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल फॉर फ्रीगेट्स
ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल
अगर भारत अपनी ब्रह्मोस की अलग-अलग रेंज की मिलाजुला कर सिर्फ 100 मिसाइल भी ताइवान को दे दे तो चीन ताइवान की तरफ मुंह करके लड़ाई करने की तो छोड़ो मूतने की भी हिम्मत नहीं करेगा. क्योंकि यह सौ मिसाइलस चीन की 80 परसेंट से ज्यादा जनता को पूर्णतया तबाह करने की क्षमता रखती हैं।
पर ताइवान ना जाने क्या सोच रहा है. लगता है यह भी अमेरिका के चक्कर में यूक्रेन की तरह पूरा बर्बाद हो कर ही मानेगा. अमेरिका की तो ताइवान के 548 बिलियन डॉलर के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व पर नजर है इससे पहले अमेरिका भारत के 600 बिलियन डॉलर के रिजर्व के ऊपर नजर गड़ाए बैठा था जो मोदी की हिम्मत और चीन के युद्ध से डर के चलते फेल हो गया.
अब देखो अमेरिका के लिए बलि का बकरा कौन सा देश बनता है ताइवान, जापान या फिर हिंदुस्तान
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