Tuesday, October 27, 2020

With figures of income, deductions, taxes removed, ITR-V can no longer be used as an income proof


With figures of income, deductions, taxes removed, ITR-V can no longer be used as an income proof
Earlier, ITR-V was treated as a proof of filing of return of income as it used to contain data of income, deductions, tax payable, taxes paid etc of an assessee.
Earlier, the Income Tax Return (ITR) Verification Form or ITR-V was treated as a proof of filing of return of income as it used to contain data of income, deductions, tax payable, taxes paid etc of an assessee.

However, the figures of income, deductions and taxes have been removed from the ITR Verification Form (ITR-V).
This is because ITR-V is not a valid proof of filing the return of income, as the process of e-filing an ITR gets completed only after the ITR Verification Form is verified.

Verification of an ITR may be done either offline by sending the signed ITR-V to CPC Bengaluru through an ordinary/speed post or online through Aadhaar One Time Password (OTP) / Electronic Verification Code (EVC) / Net Banking.
Although an unverified ITR-V is not considered valid, it was accepted as a valid proof of filing of return of income in the absence of a verified form. To use it for some specific purposes, some people used to even file return just to generate the ITR-V without any intention to verify the return
To prevent such misuse, ITR Acknowledgement was introduced in the Assessment Year 2015-16. However, the format of ITR-V remained unchanged and continued to be used as ITR proof along with the ITR Acknowledgement.

To curtail its use as a proof of filing of return of income, the ITR-V last year contained the statement – “This is not a proof for having filed the Return” at the end of the ITR Verification Form with its format unchanged.

To eliminate any chance of its use as a proof of filing of return of income, all the figures – viz. Income, deductions, tax payable, taxes paid, tax refund / payable, exempt income etc – have been removed from ITR-V.


The ITR-V of AY 2020-21 contains only the assessee’s Name, PAN, ITR Form Number (e.g. ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4 etc), the section under which the ITR has been filed and the e-filing Acknowledgement Number, which the taxpayer has to verify either offline or online.
So, without the mention of the figures of income, taxes etc, it can no longer be used as a proof of filing of return of income.

Monday, October 26, 2020

बिहार की बदलती सियासी बयार

 




हाल के दिनों तक ऐसी ही चर्चा चल रही थी कि बिहार का चुनाव एक तरफा होने जा रहा है। लालू यादव की अनुपस्थिति में राजद का रंग फीका पड़ जायेगा। तेजस्वी यादव नीतीश कुमार का अकेले मुकाबला नहीं कर पाएंगे और एनडीए गठबंधन बहुत आसानी से बाजी मार ले जाएगा। लेकिन जो लोग तेजस्वी को कल तक कुछ नहीं मान रहे थे, चुनावी माहौल को देखते हुए तेजस्वी की भूमिका को समझने लगे हैं, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। लोगों में तेजस्वी की इसी स्वीकार्यता और लोकप्रियता को देखते हुए। भाजपा-जदयू के स्टार प्रचारक आजकल अपने विकास की चर्चा करने से ज्यादा, लोगों में यह संदेश देना चाह रहे हैं कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं हैं। जबकि भाजपा-जदयू के इस हमले से राजद समर्थक और मजबूती से तेजस्वी के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं और समाज के अन्य वर्गों को भी अपने पाले में लाने की कोशिश में हैं।




चुनाव का जैसा माहौल बन रहा है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि लोग स्वेच्छा से, बहुत ही सक्रिय रूप से इसमें भाग ले रहे हैं। आज बिहार की एक बड़ी आबादी, चाहे वह सवर्ण हो, पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, नीतीश कुमार की जगह कोई दूसरा चेहरा चाह रही है। सवर्ण भाजपा को देखते हुए जदयू को वोट भले ही कर दे लेकिन उसके सामने भी आज लोजपा एक बढ़िया विकल्प है जबकि पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित समाज के लोग तेजस्वी को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं, जो तेजस्वी की रैलियों में एक बड़ी भींड़ के रूप में गवाही हैं।



ऐसा लग रहा है, बिहार के लोग किसी बड़े बदलाव की तरफ देख रहे हैं। लोग बहुत स्पष्ट हैं कि उन्हें बिहार में ऐसी सरकार चाहिए जो शिक्षा, रोजगार, पलायन, गरीबी आदि पर काम करे। हमें यह मानना होगा कि अभी तक मुद्दों पर आधारित राजनीति करने में विपक्ष कामयाब रहा है। जिस कारण पांच साल पहले नीतीश कुमार का अद्भुत लगने वाला विकास, आज बहुत कम लग रहा है। बिहार की जनता आज हर उस नेता को सुनना पसंद कर रही है, जो मुद्दों पर बात कर रहा है। लोगों के मिजाज को समझते हुए और लोगों में विकास की भूख बढ़ाते हुए विपक्ष जिस तरह सिर्फ और सिर्फ मुद्दों पर बात कर रहा है, सत्ता पक्ष की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

विपक्ष सत्ता पक्ष की बातों पर रियेक्ट करने के बजाय बार-बार जनहित से जुड़ी समस्याओं को उठाकर, सत्ता पक्ष को अपने ग्राउंड पर ला रहा है। विपक्ष को यह बखूबी पता है कि यदि वह मुद्दों से थोड़ा भी भटका तो एनडीए के जाल में फंस जाएगा इसलिए वह चाहता है कि एनडीए उसके ग्राउंड पर आए और फिलहाल ऐसा ही होता दिख रहा है।


नीतीश कुमार अपनी रैलियों में बार-बार कह रहे हैं कि विपक्ष 10 लाख नौकरियां कहाँ से देगा, उतना पैसा कहाँ से लाएगा, उसको कभी शासन करने का तौर-तरीका भी पता है। नीतीश कुमार बार-बार तेजस्वी को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर पेश करते हैं, जिसे कुछ भी ज्ञान नहीं है, जो कुछ भी लिखता-बोलता रहता है। नीतीश कुमार के इस तरह का बयान यह बतलाने के लिए काफी है कि तेजस्वी से उन्हें चुनौती मिल रही है। वो उसपर रियेक्ट करने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं। ऐसा ही जदयू लोजपा के साथ कर रहा है। जबकि भाजपा 10 लाख नौकरी की तोड़ में 19 लाख रोजगार देने की बात कर रही है। ऐसा करके वह तेजस्वी के वादों को हल्का करना चाह रही है। मतलब कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी तेजस्वी के बारे में निरंतर नकारात्मकता फैलाना चाह रहे हैं। सच पूछिए तो तेजस्वी यह चाह भी रहे हैं कि सत्ता पक्ष के लोग उनपर खूब चर्चा करें ताकि वे इस चुनाव के केंद्र में स्थापित हो जाएं। उसके बाद वे अपने मुद्दों की राजनीति कर सकें।



बिहार का यह चुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल है। पिछली बार भी वह कड़ी मेहनत के बावजूद हार गई थी, जबकि इस बार वह राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरना चाह रही है। तो वहीं नीतीश कुमार अपना एक अंतिम कार्यकाल पूरा करना चाह रहे हैं, जिसके लिए वह पुरजोर तरीके से लगे हुए हैं ताकि वे एक बार और मुख्यमंत्री बन जाएं। जबकि तेजस्वी यादव युवा होने के नाते खुद को नए सिरे से स्थापित करना चाह रहे हैं। वे नीतीश कुमार के 15 वर्षों में फैले असंतोष का लाभ उठाकर, यह साबित करना चाह रहे हैं कि लालू यादव के सामाजिक न्याय को वे आर्थिक न्याय के रूप में आगे बढ़ाएंगे। वे हर रैली में यही कह रहे हैं कि अब बिहार को नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, उनसे बिहार सम्भलने वाला नहीं है। वह लोगों से मुद्दों पर वोट करने और बदलाव की अपील कर रहे हैं। अपने कॉन्फ्रेंस और भाषणों में वो कई बार जदयू को हल्का साबित करने की कोशिश कर चुके हैं। वे बार-बार इस बात पर ज्यादा जोर देते हैं कि बिहार का चुनाव राजद और भाजपा के बीच का चुनाव है क्योंकि नीतीश कुमार के पास अब कोई जनाधार नहीं रह गया है।



यह चुनाव सही मायनों में बहुतों का भविष्य तय करेगा। एक तरफ भाजपा-जदयू का गठबंधन, तो दूसरी तरफ कांग्रेस, राजद और वाम दलों का गठबंधन तो वहीं तीसरी तरफ ओवैसी, मायावती, उपेंद्र कुशवाहा का एक नया गठबंधन, जो एक प्रयोग के रूप में जनता के सामने है है। ऐसे में, जनता के लिए भी निर्णय लेना बड़ी चुनौती बन गयी है। एक भाजपा को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी पार्टियां थोड़ी-बहुत भिन्नता के साथ एक जैसी ही है, जो समाजवाद से प्रभावित है। हर पार्टी की अलग-अलग क्षेत्रों में पकड़ है। ऐसे में जनता का एक-एक वोट इन सभी के हार-जीत का फासला तय करेगा। इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार चुनाव का परिणाम हमेशा की तरह इस बार भी चौकायेगा।



चाहे यूपीए हो या फिर एनडीए दोनों के लिए इस बार तीसरा मोर्चा बड़ी परेशानी है। इसके अलावा लोजपा जदयू के लिए सिर दर्द बन गया है क्योंकि भाजपा को पसंद करने वाले और नीतीश को नापसंद करने वाले लोगों के लिए लोजपा एक विकल्प है। मोटे तौर पर वोटों का बंटवारा भी तीन गठबंधनों के बीच हो रहा है। तीसरे मोर्चे को ज्यादतर वोट गैर सवर्ण का मिलेगा। ऐसे में, सीमाँचल के इलाका, जहां अभी तक राजद और कांग्रेस आसानी से जीतती आयी थी, वहां अब तीसरा मोर्चा उसके वोट बैंक में सेंध लगा रहा है। हमें यह समझ जाना चाहिए कि बिहार चुनाव में जीत-हार को बहुत स्पष्ट नहीं देखा जा सकता है। चूंकि समय बीतने के साथ यह ध्रुवीकरण और भी तेजी से बढ़ेगा और चुनाव का दिन आते-आते हवा का रुख और तेजी से बदलेगा। इसलिए किसी की बहुत आसानी से एक तरफा हार या जीत की घोषित करना वर्तमान समय में मुश्किल है।


सर्वे में जो भी आ रहा हो लेकिन बिहार में सर्वे का परिणाम अक्सर गलत साबित हो जाता है। इस बार के चुनाव में जनता ने जिसके प्रति भी थोड़ी नरमी दिखाई वह बाजी मार ले जाएगा। बाकी चुनाव परिणाम का इंतजार हर किसी को इंतजार है।

Monday, October 19, 2020

GST: Classification of service & Rate of Tax on selling of space for advertising in print media

 


GST: Classification of service & Rate of Tax on selling of space for advertising in print media

IN THE AUTHORITY FOR ADVANCE RULING UNDER GST, UTTARAKHAND BENCH

VIPIN CHANDRA & AMIT GUPTA, MEMBERS

Harmilap Media (P) Ltd. : In Re

Ruling No. 03/2019-20 in Application No. 02/2019-20

Ruling partly in favour of assessee

Assessee by: Ankit Gupta and Daman Preet, CAs

ORDER

This is an application under sub-section (1) of section 97 of the CGST/SGST Act, 2017 (hereinafter referred to as Act) and the rules made thereunder filed by M/s. Harmilap Media (P) Ltd., 2nd Floor, C-34, Meedo Plaza, Rajpur Road, Dehradun seeking an advance ruling on following issues :–

(a) applicability of GST rate on selling of space/time for advertisement in print media in case of advertising companies;

(b) applicability of GST rate if advertising company/agency sells unit of space in print media to client and designing/composing is being done by advertising company/agency without charging separately in the bill for designing, etc., to client;

(c) selling of space/time for advertisement in print media by advertising companies is a pure service or otherwise. If yes, whether said pure service is exempted from payment of GST vide Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 when advertising agency is raising bill to Local Authority or otherwise; and

(d) if exemption is available to local authority then said exemption is also available to advertising companies or not.

Advance Ruling under GST means a decision provided by the authority or the appellate authority to an applicant on matters or on questions specified in sub-section (2) of section 97 or sub-section (1) of section 100 in relation to the supply of goods or services or both being undertaken or proposed to be undertaken by the applicant.
As per the said sub-section (2) of section 97 of the CGST/SGST Act, 2017 advance ruling can be sought by an applicant in respect of :–
(a) Classification of any goods or services or both,

(b) Applicability of a notification issued under the provisions of this Act,

(c) Determination of time and value of supply of goods or services or both,

(d) Admissibility of input tax credit of tax paid or deemed to have been paid,

(e) Determination of the liability to pay tax on any goods or services or both,

(f) Whether the applicant is required to be registered?

(g) Whether any particular thing done by the applicant with respect to any goods or services or both amounts to or results in a supply of goods or services or both within the meaning of that term.

In the present case applicant has sought advance ruling on applicability of GST rate and classification of supply of goods/services in case of sale of space in print media. Therefore, in terms of said section 97(2)(b) & (e) of CGST/SGST Act, 2017, the present application is hereby admitted.
Accordingly opportunity of personal hearing was granted to the applicant on 2-5-2019. Shri Ankit Gupta (CA) and Daman Preet (CA), on behalf of the applicant appeared for personal hearing on the said date and submitted documents describing therein exact nature of work being undertaken. Ms. Preeti Manral, Deputy Commissioner, SGST-Dehradun, concerned officer appointed by the State Authority, also present during the hearing proceedings.
From the documents submitted by the applicant we find that applicant is registered in Uttarakhand with GSTIN bearing No. 05AAECK8145P1Z1. They are an Advertising Company/Agency engaged in selling unit of space in various print media to diversified clients on DAVP approved rate/DIPR approved rates or rates as per open market. Before proceeding in the present case, we would first go submissions filed by the applicant and the same is summarized as under :–
(i) Selling of space for advertisement in print media is leviable to GST @ 5%. If the advertisement agency works on principal to principal basis, that is, buys space from the newspaper and sells such space for advertisement to clients on its own account, that is, as a principal, it would be liable to pay GST @ 5% on the full amount charged by advertisement agency from the client. They are currently charging GST @ 5% to its clients as per the above provisions.

(ii) Supply of services without involving any supply of goods would be treated as supply of ‘pure services’. For example, supply of manpower for cleanliness of roads, public places, architect services, consulting engineer services, advisory services, and like services provided by business entities not involving any supply of goods would be treated as supply of pure services. On the other hand, let us take the example of a Governmental authority awarding the work of maintenance of street lights in a Municipal area to an agency which involves apart from maintenance, replacement of defunct lights and other spares. In this case, the scope of the service involves maintenance work and supply of goods, which falls under the works contract services. The exemption is provided to services involves only supply of services and not for works contract services. In the case of “Sale of space for advertisement in print media” it includes sale of space on print media which forms material component of this supply. Material in the form of Newspaper is supplied for the unit space booked by the client. Based on the definition of Pure Service and considering the above fact “Sale of space for advertisement in print media” cannot be considered as Pure Service.

(iii) Further Notification No. 12/2017 has exempted “Pure Services” (excluding works contract service or other composite supplies involving supply of any goods) provided to the Central Government, State Government or Union territory or local authority or a Governmental authority by way of any activity in relation to any function entrusted to a Panchayat under Article 243G of the Constitution or in relation to any function entrusted to a Municipality under Article 243W of the Constitution.

(iv) In this case, agency make some bills for Sale of Space for Advertisement in Print Media to some Local Authorities like Municipal Corporations in relation to some activities which are exempt under Notification No. 12/2017 as mentioned in paragraph above.

(v) Referring to the above notification, a case study of South Delhi Municipal Corporation (hereinafter referred to as SDMC) has been discussed. SDMC has denied paying GST as it considers Sale of Space for Advertisement in Print Media as a pure service falling under the ambit of above notification. In support of the same they have received a copy of letter from SDMC bearing No. 354/90/2018-TRU, dated 3-5-2018 issued by Department of Revenue, Ministry of Finance, Government of India on the above-mentioned subject. Ministry of Finance has clarified that as per Serial No. 3 of Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), SDMC is not liable to pay the GST on Health Education Campaigns through DAVP approved agencies,

(vi) They further stated that since the material component (newspaper) forms a major part of the value of supply, hence the said notification is not applicable to Sale of Space for Advertisement in Print Media.

(vii) Therefore they seek Advance Ruling as regard to the applicability of GST on the aforementioned proposed billing whether they fall under the ambit of exemption under Notification No. 12/2017 or otherwise.

In the present case we are not deciding any wider question but restricting our conclusion to the facts and circumstances which was filed for our consideration in the application. Now we proceed by taking the issue one by one :–
(A) Applicability of GST rate on selling of space/time for advertisement in print media in case of advertising companies.

(A.1) In this context we find that selling of space/time for advertisement in print media is mentioned at Entry No. 21 under Heading 9983 of Notification No. 11/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 which attract GST @ 5% (2.5% CGST + 2.5% SGST).



(B) Applicability of GST rate if advertising company/agency sells unit of space in print media to client and designing/composing is being done by advertising company/agency without charging separately in the bill for designing, etc., to client.

(B.1) In this context, we find that there are two slabs of GST rate prescribed, in respect of supply in question, at Entry No. 21 under Heading 9983 of Notification No. 11/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 as under :–

Entry No.Chapter, Section or HeadingS. No.Description of serviceGST rate
219983iselling of space/time for advertisement in print media5%
 

 

 

 

iiOther professional, technical and business services other than (i) above18%

(B.2) On perusal of said notification, we find that selling of space for advertisements in print media and other related services would attract 5 and 18 per cent. GST respectively, depending on the terms of the contract between the newspaper, advertisement agency and the client. A few cases in this regard (are) discussed below:–

(a) In a case where advertisement agency works on principal to principal basis means publication charge GST @ 5% on net rate (after discount/commission or without discount/commission). In such case publication may or may not mention the name of client at its own bill. Further agency bill to client for total amount of space at DAUP/DIPR rates or rates as per open market, it would attract GST @ 5% on the total amount charged by the advertising company/agency. That is, buys space from the newspaper and sells such space for advertisement to its clients on its own account, it would attract GST @ 5% on the total amount charged by advertisement agency from its clients.

(b) In another model, where agency sells space for advertisement to its clients on commission/trade discount basis, and/or invoice is also raised by agency, and client pays directly to publication for the total amount and publication pays commission/trade discount to agency then it would be liable to GST @ 5% as agency has sold space for advertisement to client.

(c) If the advertisement agency sells space for advertisement as an agent of client on commission/trade discount basis, and invoice is also raised by agency to its client and client pays directly to publication for the net amount and to agency for its charges separately, it would be liable for GST @ 5%.

(d) If the advertisement agency supplies any service other than selling of space for advertisement, such as designing or drafting the advertisement and such supply is not a part of any composite supply, the same would be liable to GST @ 18% and if such supplies are part of any composite supply, the rate applicable for the principal supply shall apply.

(e) In some cases, advertising agency/company have some deals on volume/value basis with publication and on achieving the target, advertising company/agency gets some incentive etc. In this case incentive will be charged @ 18%.

(B.3) Now coming to the question for decision wherein the applicant has stated that designing, etc., are integral part of supply in question i.e. selling of space in print media. The relevant legal provisions in this regard are reproduced as under :–

(i) Section 2(30) of the Act, ibid “composite supply” means a supply made by a taxable person to a recipient consisting of two or more taxable supplies of goods or services or both, or any combination thereof, which are naturally bundled and supplied in conjunction with each other in the ordinary course of business, one of which is a principal supply;

(ii) Section 2(90) of the Act, ibid “principal supply” means the supply of goods or services which constitutes the predominant element of a composite supply and to which any other supply forming part of that composite supply is ancillary;

(iii)) Section 8 of the Act, ibid : The tax liability on a composite or a mixed supply shall be determined in the following manner, namely :–

(a) a composite supply comprising two or more supplies, one of which is a principal supply, shall be treated as a supply of such principal supply; and

(b) ………………………

(B.4) In this situation we observe that there is involvement of two supply of services (i) selling of space in print media and (ii) designing/composing of the advertisement. Accordingly the same falls under the definition of “composite supply” inasmuch as two taxable supplies of services are naturally bundled and supplied in conjunction with each other in the ordinary course of business. Now the question arises which one of them is a principal supply. It is obvious that “selling of space in print media” constitutes the predominant element of a composite supply and designing/composition of the advertisement is ancillary to the said composite supply. Accordingly we observe that composite supply comprises of selling of space in print media and designing/composing of the advertisement, will attract GST @ 5% inasmuch as “selling of space in print media” is a principal supply which attract GST@5%.

(C) Selling of space/time for advertisement in print media by advertising companies is a pure service or otherwise. If yes, whether said pure service is exempted from payment of GST vide Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 when advertising agency is raising bill to Local Authority or otherwise.


(C.1) In this context we find that “Pure Services” are mentioned under Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 and exemption to pure services are admissible subject to the fulfilment of certain conditions laid down in the said notification and the relevant portion of the same is reproduced as under :–

G.S.R (E).–In exercise of the powers conferred by sub-section (1) of section 11 of the Central Goods and Services Tax Act, 2017 (12 of 2017), the Central Government, on being satisfied that it is necessary in the public interest so to do, on the recommendations of the Council, hereby exempts the intra-State supply of services of description as specified in column (3) of the Table below from so much of the central tax leviable thereon under sub-section (1) of section 9 of the said Act, as is in excess of the said tax calculated at the rate as specified in the corresponding entry in column (4) of the said Table, unless specified otherwise, subject to the relevant conditions as specified in the corresponding entry in column (5) of the said Table, namely :–

Sl. No.Chapter, Section, Heading, Group or Service Code (Tariff)Description of ServicesRate (per cent.)Condition
12345
3Chapter 99Pure services (excluding works contract service or other composite supplies involving supply of any goods) provided to the Central Government, State Government or Union territory or local authority or a Governmental authority by way of any activity in relation to any function entrusted to a Panchayat under article 243G of the Constitution or in relation to any function entrusted to a Municipality under article 243W of the ConstitutionNilNil

(C.2) On perusal of aforesaid notification, we find that services supplied without involving of goods is a pure service and to avail exemption under said notification following conditions are required to be fulfilled :–

(i) pure service must be supplied to the Central Government, State Government or Union territory or local authority or a Governmental authority and

(ii) supply of pure service is related to an activity in relation to any function entrusted to a Panchayat under Article 243G of the Constitution or in relation to any function entrusted to a Municipality under Article 243W of the Constitution.

(C.3) On perusal of record we find that applicant argued that “sale of space for advertisement in print media” includes invariably includes supply of material in the form of newspaper and the material component forms a major part of the value of said supply. Thus said supply does not fall in the category of “Pure Services”.

(C.4) We find that in terms of section 7(1) of the Act, read with Schedule I appended to the Act, ‘supply’ includes all forms of supply of goods and/or services such as sale, transfer, barter, exchange, licence, rental, lease or disposal made or agreed to be made for a consideration by a person in the course or furtherance of business. We observe that supply is the term replaced for the term sale; no scope has been left for any confusion and the definition includes every term which shall be coined as sale. Even the supply which is made or agreed to be made without a consideration will also amount to sale.

(C.5) In the instant issue we find that the applicant in their submissions vehemently argued that the bills issued to the clients is invariably inclusive of cost of material as newspaper itself is a form of material and advertisement rates are based on circulation of newspapers. Thus if such is a case, then the service in question is not a “pure service” in terms of Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 (as amended from time to time) as it involves the supply of goods also, therefore in such circumstances the said supply is out of the ambit of said notification.

(D) If exemption is available in terms of Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017, then said exemption is also available to advertising companies.

(D.1) The Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 (as amended from time to time) is not available to the service provider i.e. advertising agency as discussed supra.

ORDER

  1. In view of the above discussion and findings we hold as under :–

(i) Selling of space for advertisement in print media by advertising company/agency shall attract GST @ 5% (2.5% CGST + 2.5% SGST) in case of advertising companies/agencies in all cases. However Volume incentives/value incentives are part of commission and cannot be treated as sale of space in print media and therefore incentive will be charged @ 18%.

(ii) Composite supply comprises of selling of space in print media and designing/composing of the advertisement, shall attract GST @ 5% (2.5% CGST + 2.5% SGST) inasmuch as “selling of space in print media” is a principal supply which attract GST @ 5% (2.5% CGST + 2.5% SGST) as on date. Advertisement company/agency sells unit of space in print media to client and designing/composing is being done by advertising company/agency without charging separately in the bill for designing, etc., to client. Such case is a case of composite supply and in such case “selling of space in print media” is a principal supply. Hence it will attract GST @ 5% (2.5% CGST + 2.5% SGST) as on date.

(iii) Supply of service viz. “Sale of Space for Advertisement in Print Media” is not a “Pure Service” and the exemption to said services are not admissible in terms of Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 (as amended from time to time).

(iv) The exemption from GST is also not available to the applicant in terms of Notification No. 12/2017-Central Tax (Rate), dated 28-6-2017 (as amended from time to time).

Tuesday, October 13, 2020

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56. Its product has significant mass appeal.
57. This business has an Best Global Educational system Like BWW to train and mentor you.
58. Partners are  proven and reputable companies.
59. Its product distribution system is fast and reliable.
60. Business plan is very easy to understand and duplicable.



61. Weekly open meetings drive motivation and prospecting.
62. Mega seminars enlarge your vision and enthusiasm.
63. All product training is also available on regular interval.
64. You associate with successful, respectable and positive minded people.
65. Here you have the opportunity to learn from others experiences and mistakes.
66. This business transforms women from a homemaker to an entrepreneur.
67. After achieving Diamondship you are neither slaves to time nor money.
68. This business makes you a leader of your dream team and role model of your children.
69. Thia Business is known as family business because of husband and wife can build it together.
70. FED function is truly a celebration of financial freedom and joy of time.



71. It's  not pyramid or chain scheme but purely a turnover based Products Selling Business.
72. You help others to change their economic map when you offer this business.
73. Your sponsor is not your boss or employer but counselor and friend.
74. Opportunity to retire in financial comfort.
75. You obtain a real business man status.
76. You acquire real life professional education.
77. The children learn the benefits of the Direct Selling Business from experiencing with their parents.
78. The children learn the benefits of passive income and financial education at early ages.
79. You take many more family vacations and family business trips than you ever did.
80. This business enriches your soft skills.



81. This business has various tax advantages over ordinary employees.
82. If you currently have a job, you can feel secure by keeping it and doing this part time until your part-time income exceeds the income you're currently making.
83. You are completely independent business owner and the only person you answer to is yourself.
84. Husband and wife can create magical results in their financial life because of husband and wife is considered as one entity.
85. One can change one’s quadrant from employee (E) to businessman (B) with the help of this business.
86. Amway’s products are recognized all over the world for their high quality, value and performance.
87. This business gives an opportunity to make money while you spend money.
88. This business provides a perfect opportunity to people by helping them to be self employed and gain better control of their lives.
89. The Business is an incredible way to become multi-millionaire for low-earned person, semi skilled person, time-poor person and especially for first generation entrepreneurs.



90. You become an integral part of positive, optimistic and energetic association in which people are self-motivated and go-getters.
91. You have 100% chances to succeed if you are willing to learn and follow footsteps.
92. This business allows you to write your own paycheck and pay range.
93. You are in charge of your own destiny, instead of making your boss rich.
94. Husband- wife relationship is very loving and children feel more secure.
95. This business is always in your pocket. You can do your business anytime, anywhere while you are on vacation.
96. This business philosophy, “pay now, play later “gives you an opportunity to invest your time now to save you from ‘time for money trap’.
97. This business provides a platform to convert your unproductive time into productive and more meaningful time.
98. Everything is online!  You can do your business just using Smartphone!!!
99. This business saves you from no-name syndrome.
100. You are able to leverage other people’s time and work.
101. It has been helping people transform self-limiting beliefs into self-fulfilling breakthroughs to achieve their dreams.
Enjoy the world's Best Combination
Amway Business Opportunity + Britt Worldwide System.




HINDI TRANSLATION :-
101 कारणों से पृथ्वी पर सबसे बढ़िया व्यवसाय है।
1. आप व्यक्तिगत व्यापार मालिक एबीओ बन जाते हैं
2. यह केवल एक व्यवसाय नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका है।
3. अपने खुद के काम के घंटे लेने के लिए लचीलापन
4. यह व्यवसाय आपको अपनी आत्मा को बेचने के बिना उत्पादों को बढ़ावा देने और बेचने के लिए सिखाता है।
5कोई मालिक आपको बताएगा कि क्या करना है
6. जोखिम मुक्त उद्यम
7. इस व्यवसाय को विज्ञापन करने की कोई जरूरत नहीं है।
8. निष्क्रिय / विरासत की आय बनाने की संभावना
9. वित्तीय आजादी हासिल करने का अवसर।
10. प्रारंभिक और उपयोगी सेवानिवृत्ति के मौके
11. अभिनव और समय परीक्षण उत्पादों।
12सभी उत्पाद 100% पैसे वापस गारंटी के साथ आते हैं
13. इस व्यवसाय में शामिल होने के लिए लागत की शुरुआत नहीं।
14. आप वैश्विक स्तर पर इस व्यवसाय का निर्माण कर सकते हैं।
15. घर से काम करना, केवल आपके उपलब्ध खाली समय में
16. अपने व्यवसाय को तेज़ी से या धीमे के रूप में बढ़ाएं
17इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी विशेष कौशल, प्रशिक्षण या शिक्षा की आवश्यकता नहीं है।
18. अब आपको एक अलार्म घड़ी तक जागने की ज़रूरत नहीं है।
19. आप किसी भी समय अपनी इच्छानुसार वेतन बढ़ा सकते हैं।
20. आप अपने उद्यमशीलता और नेतृत्व क्षमता का उपयोग कर सकते हैं



21आप इस व्यवसाय भाग के समय या पूर्णकालिक कर सकते हैं
22. आप उन लोगों के साथ काम करते हैं जिन्हें आप काम करना पसंद करते हैं
23. यह व्यवसाय आपके व्यक्तित्व विकास को आकार देता है
24. आप सज्जन और लोग व्यक्ति बन जाते हैं।
25. साधारण व्यक्ति इस व्यवसाय में असाधारण व्यक्ति बन जाता है।
26अपने दोस्तों, परिवार और शौक के साथ आनंद लेने के लिए अधिक खाली समय
27. अपने व्यय को निवेश में परिवर्तित करने का अवसर
28. नए मित्रों और लंबे समय तक चलने वाले व्यापार संबंध बनाने की संभावना ..
29. अच्छी परिभाषित खुदरा आय, प्रदर्शन आय और अन्य बोनस
30गायकों और लेखकों की तरह विरासत आय बनाने का अवसर
31. अच्छा परामर्श और मार्गदर्शन की उपलब्धता
32. व्यापार सहायता सामग्री जैसे एसओपी, बीओएम, ओपन मीटिंग, मेगा फ़ंक्शंस आदि की उपलब्धता।
33. अपनी कड़ी मेहनत के लिए नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इनाम
34यह व्यवसाय उत्कृष्टता के लिए अपनी खोज को पूरा करने में सहायता करता है।
35. सच्चाई में अपने सपने को पूरा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मंच।
36. अपनी शर्तों पर तनाव मुक्त जीवन शैली को प्राप्त करने का अवसर।
37. अपने व्यवसाय को उन उत्पादों के साथ बढ़ावा दें जो रिटेल के लिए आसान हो।
38. आपकी सेवानिवृत्ति के दौरान आय का आश्वासन दिया गया प्रवाह
39. ई-लर्निंग प्रोग्राम के माध्यम से अपनी सुविधा पर इस व्यवसाय को जानें।
40. इसका पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद आपको पर्यावरण अनुकूल उपभोक्ता बनाता है।



41. नए जुड़ने वालों के लिए रोमांचक ऑफर
42. आप अपनी अगली पीढ़ी को इस व्यावसायिक अवसर का उपहार दे सकते हैं।
43यह व्यवसाय आपकी पत्नी के निहित क्षमता का उपयोग करता है
44. साबित नुट्रिलिट स्वास्थ्य उत्पादों के साथ अपने परिवार के स्वास्थ्य का पोषण करें
45. आप इस व्यवसाय के माध्यम से अपना समय बना सकते हैं।
46. ​​कोई कार्यालय नहीं, कोई सूची नहीं, कोई कर्मचारी की आवश्यकता नहीं है।
47. सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए और कोई कार्यालय की राजनीति नहीं।
48कोई मालिक नहीं, काम करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं।
49. आत्म संतुष्टि और अधिक संतुष्टि की पूर्ति।
50. यह बिल्कुल घर आधारित व्यवसाय है।
51. आपका संचार और रिश्ते इस व्यवसाय को बनाने के प्रमुख उपकरण हैं
52इस व्यवसाय को शुरू करने और बनाने के लिए भुगतान करने के लिए कोई कानूनी आवश्यकताएं-परमिट, लाइसेंस और शुल्क।
53. भाषा, सामाजिक स्थिति, शारीरिक बाधाएं या कुछ और तरह इस व्यवसाय में शामिल होने के लिए कोई बाधा नहीं।
54. यह व्यवसाय घातीय वृद्धि और आय को जाता है।
55सभी व्यक्तिगत वितरकों को बच्चों की तरह उनकी बढ़ती हुई उत्थान द्वारा पाला जाता है
56. इसके उत्पाद में महत्वपूर्ण जन अपील है
57. इस व्यवसाय में बीडब्ल्यूडब्ल्यू की तरह एक सर्वश्रेष्ठ वैश्विक शैक्षणिक प्रणाली है जिसे आप को प्रशिक्षित और संरक्षक प्रदान करते हैं।
58. भागीदार सिद्ध और सम्मानित कंपनियां हैं
59.इसका उत्पाद वितरण प्रणाली तेज और विश्वसनीय है।
60. बिजनेस प्लान समझना और डुप्लेबल बहुत आसान है I
61. साप्ताहिक खुली मीटिंग प्रेरणा और पूर्वेक्षण ड्राइव


62. मेगा सेमिनार आपकी दृष्टि और उत्साह को विस्तारित करते हैं।
63. सभी उत्पाद प्रशिक्षण नियमित अंतराल पर भी उपलब्ध है।
64आप सफल, सम्मानजनक और सकारात्मक दिमाग वाले लोगों के साथ सहयोग करते हैं
65. यहां आपके पास अन्य लोगों के अनुभवों और गलतियों से सीखने का अवसर है।
66. यह व्यवसाय महिलाओं को एक गृहिणी से बदलकर एक उद्यमी बना देता है
67. डायमंडसाईज प्राप्त करने के बाद आप समय के न तो गुलाम हैं और न ही धन।
68. यह व्यवसाय आपको अपनी सपनों की टीम का नेता बनाता है और अपने बच्चों के रोल मॉडल का निर्माण करता है।
69. पति और पत्नी के कारण थिया बिजनेस को पारिवारिक व्यवसाय के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसे एक साथ मिल सकता है।
70. फेड फंक्शन वास्तव में वित्तीय स्वतंत्रता और समय की खुशी का उत्सव है।
71यह पिरामिड या चेन स्कीम नहीं है लेकिन केवल एक टर्नओवर आधारित उत्पाद बेचना व्यवसाय है
72. जब आप इस व्यवसाय की पेशकश करते हैं तो आप दूसरों को अपने आर्थिक मानचित्र को बदलने में मदद करते हैं।
73. आपका प्रायोजक आपका बॉस या नियोक्ता नहीं बल्कि सलाहकार और मित्र है।
74. वित्तीय सुविधा में रिटायर करने का मौका
75आप एक असली व्यापार आदमी की स्थिति प्राप्त करें
76. आप वास्तविक जीवन पेशेवर शिक्षा प्राप्त करते हैं।
77. बच्चे अपने माता-पिता के साथ अनुभव करने से डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय के लाभों को सीखते हैं।
78. बच्चों को शुरुआती उम्र में निष्क्रिय आय और वित्तीय शिक्षा के लाभों को सीखना है।
79आप कई परिवारों की छुट्टियों और परिवार के व्यवसाय यात्राएं करते हैं जो आपने कभी किया था।
80. यह व्यवसाय आपके नरम कौशल को समृद्ध करता है।



81. इस व्यवसाय में साधारण कर्मचारी से अधिक विभिन्न कर लाभ हैं।
82.यदि आपके पास वर्तमान में नौकरी है, तो आप इसे रखकर और अंशकालिक काम कर सकते हैं जब तक कि आपकी अंशकालिक आय उस आय से अधिक न हो जो आप वर्तमान में कर रहे हैं।
83. आप पूरी तरह से स्वतंत्र व्यवसाय के स्वामी हैं और आप जिस व्यक्ति से उत्तर देते हैं वह स्वयं है
84पति और पत्नी अपने वित्तीय जीवन में जादुई परिणाम पैदा कर सकते हैं क्योंकि पति और पत्नी को एक इकाई माना जाता है।
85. कोई व्यक्ति अपने व्यवसाय की मदद से कर्मचारी (ई) से कारोबारी (बी) के कोवलर को बदल सकता है।
86एमवे के उत्पादों को उनकी उच्च गुणवत्ता, मूल्य और प्रदर्शन के लिए दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
87. जब आप पैसे खर्च करते हैं तो यह व्यवसाय पैसे बनाने का अवसर देता है।
88यह व्यवसाय उन लोगों को स्वयं को नियोजित करने और अपने जीवन का बेहतर नियंत्रण हासिल करने में सहायता करने के लिए एक आदर्श अवसर प्रदान करता है।
89.व्यापार कम-अर्जित व्यक्ति, अर्द्ध कुशल व्यक्ति, समय-गरीब व्यक्ति और विशेषकर पहली पीढ़ी के उद्यमियों के लिए बहु-करोड़पति बनने का अविश्वसनीय तरीका है।
90आप सकारात्मक, आशावादी और ऊर्जावान एसोसिएशन के एक अभिन्न अंग बन जाते हैं, जिसमें लोग स्वयं से प्रेरित होते हैं और जाने जाते हैं
91. यदि आप सीखने के लिए तैयार हैं और नक्शेकदम का पालन करने के लिए आपके पास सफल होने के 100% मौके हैं।
92. यह व्यवसाय आपको अपना खुद का पेचेक और वेतन सीमा लिखने देता है।
93आप अपने मालिक के समृद्ध बनाने के बजाय, अपनी नियति के प्रभारी हैं
94. पति-पत्नी के रिश्ते बहुत प्यार करते हैं और बच्चों को और अधिक सुरक्षित महसूस होता है।
95. यह व्यवसाय हमेशा आपकी जेब में रहता है। जब भी आप छुट्टी पर रहते हैं, आप अपना व्यवसाय किसी भी समय, कहीं भी कर सकते हैं।
96इस व्यवसाय के दर्शन, "अब भुगतान करें, बाद में खेलें" आपको 'टाइम फॉर पैन ट्रैप' से बचाने के लिए अपना समय निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
97. यह व्यवसाय अपने अनुत्पादक समय को उत्पादक और अधिक सार्थक समय में परिवर्तित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
98. सब कुछ ऑनलाइन है! आप सिर्फ स्मार्टफोन का उपयोग कर अपना व्यवसाय कर सकते हैं !!!
99. यह व्यवसाय आपको नो-नाम सिंड्रोम से बचाता है।
100. आप अन्य लोगों के समय और काम का लाभ उठाने में सक्षम हैं।
101. यह लोगों को अपने सपनों को हासिल करने के लिए स्व-सीमित विश्वासों को स्वयं-सफल सफलता में परिवर्तित करने में मदद कर रहा है।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संयोजन का आनंद लें
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Contact : +91-9939000039, 9430000733
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