Tuesday, September 26, 2023

Innovate to Elevate: Business Conclave 2023


Join Us at the Business Conclave of the Year!

Are you ready to embark on a journey of innovation, collaboration, and unparalleled business growth? The highly-anticipated Business Conclave 2023 is just around the corner, and you won't want to miss this extraordinary event.

Why Attend?

Our conclave brings together the brightest minds and most influential leaders from diverse industries, all under one roof. Whether you're an aspiring entrepreneur, a seasoned business owner, or an industry expert, this event offers a unique opportunity to:

1. Gain Valuable Insights: Discover the latest industry trends, cutting-edge technologies, and innovative strategies that can catapult your business to new heights.



2. Network with Industry Titans: Forge meaningful connections with top-tier executives, entrepreneurs, and thought leaders. Exchange ideas, collaborate on projects, and build partnerships that can transform your career or business.

3. Inspirational Keynote Speakers: Be inspired by renowned speakers who have achieved remarkable success in their respective fields. Learn from their experiences, failures, and triumphs, and apply their wisdom to your own journey.

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4. Interactive Workshops: Engage in hands-on workshops and breakout sessions designed to provide practical tools and actionable takeaways. Develop new skills and refine existing ones to stay ahead in the competitive business landscape.


5. Explore New Opportunities: Discover potential investment opportunities, explore the latest innovations, and gain access to resources that can fuel your business growth.

Event Details:

  • Date: 30.09.2023
  • Time: 01:00 PM to 06:00 PM
  • Venue: Bapu Shabhagar, Patna (Bihar)
  • Ticket Price: 500 (Individual), 700 (Couple), 1500 (Family)


Don't miss your chance to be a part of this transformative event. Reserve your spot today and become a part of a thriving community of entrepreneurs, leaders, and visionaries. 


How to Register:

Visit our website at https://allevents.in/patna/हेभारत-के-राम-जगो/80004034037955?aff=u7k3ha to register and secure your spot at the Business Conclave 2023. Early bird discounts are available for a limited time, so act fast!

Join us in shaping the future of business, fostering innovation, and creating lasting connections. The Business Conclave 2023 is where opportunities become realities. We can't wait to see you there!




Wednesday, September 6, 2023

हमारे देश का नाम भारतवर्ष है। यह निर्विवाद है !


 हमारे देश का नाम भारतवर्ष है। यह निर्विवाद है। संविधान बनाते समय इंडिया का मोह त्याग दिया गया होता तो फिर किसी फसाने की जरूरत नहीं थी। लेकिन भारत और इंडिया दोनों को संविधान में तो जगह मिली, प्रचलन में इंडिया ही चल रहा है। अब अचानक निमंत्रण पत्र में भारत आया तो बहस छिड़ गई। छिड़नी ही थी।

जल्दबाजी में रख दिया या योजना बनाई, 76 साल बाद भारत लौट तो आया। अच्छा होता भारतवर्ष लाते पर चलो भारत ही सही। वैसे इंडिया और भारत दो नहीं, एक ही हैं। सवाल टाइमिंग को लेकर हैं। देश जी 20 आयोजन के मुहाने पर खड़ा है, दुनियाभर से बड़ी बड़ी हस्तियां इंडिया आ रही हैं और राष्ट्रपति के निमंत्रण में इंडिया की जगह अंग्रेजी में ही भारत चला गया। मतलब अंग्रेजी को तो न छोड़ पाए, अंग्रेजी अल्फाबेट में ही bharat ले आए। अब महामहिम का निमंत्रण पत्र भारत कह रहा है और दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष इंडिया कहेंगे। तमाम दुनिया के मीडिया में इंडिया चलेगा, देश में कहीं भारत और कहीं इंडिया। जो भी हो, बैठे बिठाए विपक्षी टीम डॉट इंडिया वालों को प्रहार का मौका मिल गया। परिदृश्य से सनातन, रामायण, तुलसीदास जैसे मुद्दे यकायक गायब हो गए और भारत इंडिया छा गए। बंगलुरू में विपक्षी दलों के गठबंधन को इंडिया नाम राहुल गांधी ने दिया था। यह निर्णय जबरदस्त था। जैसा कि विपक्ष का अनुमान था, सत्तारूढ़ दल के लोग इंडिया कहने से बचने लगे।

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खुद प्रधानमंत्री भी बेचैन रहे और संभवतः उन्हीं की पहल पर भारत नामकरण की तैयारी हुई होगी। कल राष्ट्रपति के जी 20 निमंत्रण पत्र में जैसे ही भारत का नाम आया, राजनीति परवान चढ़ गई। विपक्ष को न केवल यह कहने का मौका मिला कि उसकी ताकत से डरकर मोदी ने संविधान में लिखा इंडिया नाम बदला है, अपितु नाम परिवर्तन से पूरी दुनिया में भी अजीब सा संदेश गया। देशों का नाम बदलना कोई नई बात नहीं। अनेक देशों ने नाम बदले हैं। कंबोडिया कंप्यूचिया हो गया, रोडेशिया जिम्बाब्वे। बर्मा म्यांमार हो गया, लंका श्रीलंका हो गया। पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश, पूर्वी जर्मनी जर्मनी। और भी न जाने कितने छोटे बड़े देशों के बदले। इंडिया तो कोई नाम ही नहीं था, आर्यावर्त भारतवर्ष था नाम। मुगलों ने हिंदुस्तान कर दिया। इसमें से पाकिस्तान निकाला तो आजाद भारत वालों ने भारतवर्ष को न लौटाकर इंडिया नाम रख दिया। तभी भारत रख देते तो इस समय की यह कवायद ही नहीं होती। खैर! संविधान में भारत भी है और इंडिया भी। आगे भी दोनों रहेंगे। देश के इतने संस्थानों के साथ इंडिया नाम जुड़ा है कि इंडिया को अलग करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इंडिया नाम अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। विपक्षी गठबंधन का नाम यदि इंडिया है तो देशवासी उसे देश समझेंगे, यह सोचना भी मूर्खता है। यह ठीक है कि पिछले दो ढाई सौ सालों से सारी दुनिया भारत को इंडिया नाम से जानती है। आजादी के बाद एक देश के दो नामों पर एतराज जताया जाता रहा है। दुनिया में भारत के अलावा ऐसा कोई देश नहीं जिसके दो नाम हों। अब बात चल पड़ी है तो देश का नाम अधिकृत रूप से भारत हो जाए, इस पर सभी को सहमत हो जाना चाहिए।

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