Income Tax Update: विशेषज्ञों से जानिए ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस (TDS) कटौती से बचने के उपाय और नियम :
Income Tax Update : विशेषज्ञों से जानिए ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस (TDS) कटौती से बचने के उपाय और नियम
बैंकों में 40 हजार रुपए तक की ब्याज आय (सीनियर सिटीजन्स के लिए 50 हजार रुपए) पर टीडीएस (TDS) से छूट होती है. इससे ज्यादा ब्याज आय होने पर फार्म 15जी और 15एस भरकर बैंक को देने पर कटौती लागू नहीं होती है.यह है तो बहुत सिंपल लेकिन कई बार गलत जानकारी की वजह से आप आयकर अधिकारियों की नजर में आ सकते हैं. इसलिए, न्यूज18 ने इनकम टैक्स के विशेषज्ञों से बात कर टीडीएस से जुड़े सवालों के जवाब जानें हैं. आसान भाषा और सवाल-जवाब के जरिए हमारे विशेषज्ञ से समझिए टीडीएस की एबीसीडी.
Q क्या है टीडीएस?
A. इनकम टैक्स कानून के मुताबिक सरकार एक निश्चित सीमा से ज्यादा आय होने पर इनकम टैक्स वसूलती है. यह टैक्स संबंधित व्यक्ति को खुद जमा करना होता है. लेकिन कुछ मामलों में सरकार ने सोर्स पर ही टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी डाल दी है. जैसे, एफडी पर ब्याज आय. बैंक इस आय पर टैक्स काटकर इनकम टैक्स में जमा कर देते हैं.
Q फार्म 15 जी व 15एच क्या हैं. ?
A. आयकर कानून के तहत करदाता को कुछ खास तरह की आय (जैसे ब्याज, लाभांश, किराया, बीमा कमीशन आदि) स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के बगैर ही प्राप्त करने का अधिकार है. मान लीजिए कि आपकी ब्याज से आय 60 हजार रुपए है और अन्य स्रोतों से शून्य या एक लाख लाख रुपए आय है. यानी आपकी कुल आय इनकम टैक्स लिमिट से कम है. फिर भी, बैंक टीडीएस का नियम बताकर टैक्स काट लेंगे. लिहाजा, सरकार ने ऐसे लोग जिनकी कुल आय टैक्सेबल लिमिट से कम है, उनके लिए फार्म15 जी व 15एच की सुविधा दी है. फार्म 15जी का उपयोग 60 साल से कम उम्र वाले और हिंदू अविभाजित परिवार तथा 15एच सीनियर सिटीजन के लिए होता है. यह फार्म जमा करने के बाद बैंक टीडीएस कटौती नहीं करते हैं.
Q क्या फार्म 15जी व 15एच के लिए पैन होना जरूरी है ?
A. टीडीएस कटौती से बचने के लिए फार्म 15जी और 15एस दोनों में घोषणापत्र दाखिल करने के लिए पैन नंबर न भी हो तो अाधार से काम चलाया जा सकता है. हालांकि, फॉर्म 15जी और 15एच में हलफनामे दाखिल करते समय वैध पैन के जिक्र का ध्यान रखना चाहिए. यदि पैन अवैध हुआ तो हलफनामे को भी अवैध मान लिया जाएगा.
Q यह फार्म कब जमा करना चाहिए?
A टीडीएस काटने वाली हरेक संस्था के पास यह फार्म अलग-अलग जमा करने होते हैं. यानी जो भी आपका टीडीएस काटता है, उसके पास यह फार्म जमा करना होता है. यदि कटौती करने वाली एक ही संस्था से बार-बार भुगतान मिलते हैं (जैसे एक ही बैंक से बैंक जमा अथवा कई प्रकार की जमाओं पर तिमाही ब्याज) तो करदाता वित्त वर्ष के आरंभ में ही फॉर्म 15जी या 15एच में घोषणा दे सकता है. इसके बाद जब भी करदाता की अनुमानित कुल आय में बदलाव होता है तब उसे यह फार्म दाखिल करना होता है.
इस साल कब तक फार्म जमा होंगे?
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की आखिरी तारीख अब 31 दिसंबर, 2021 है. जबकि, फॉर्म 15जी और 15एच की अंतिम तारीख अब 30 नवंबर, 2021 हो गई है.
Q क्या यह फार्म हर साल भरना होता है?
A. ये फॉर्म एक वित्त वर्ष के लिए ही वैध होते हैं. इसीलिए अगर आय से टीडीएस कटौती बचानी है तो हर वित्त वर्ष के आरंभ में ये फॉर्म जमा करने होंगे. ये फॉर्म साल में किसी भी समय जमा किए जा सकते हैं मगर पहली बार आय खाते में आने से पहले ही ऐसा करना सही रहता है.
Q तय वक्त में फार्म जमा नहीं हुआ तो?
A. फार्म जमा न होने की स्थिति में टैक्सपेयर से तय दर पर उसका टीडीएस काट लिया जाएगा. अगर टीडीएस कट जाए तो करदाता दो काम कर सकता है. यदि करदाता पहली तिमाही में ये फॉर्म नहीं दे पाता है तो उसे पहला मौका मिलते ही ऐसा करना चाहिए ताकि उस वित्त वर्ष के दौरान और कर कटौती नहीं हो. बाद में कर रिटर्न दाखिल करते समय वह टीडीएस रिफंड का दावा कर सकता है.
Q. क्या बीते साल की सकल आय की भी जानकारी देनी होगी?
A. हां. इसलिए, फार्म भरने के लिए जरूरी जानकारी भी हमेशा तैयार रहनी चाहिए. आप जिस वित्त वर्ष के लिए हलफनामा दाखिल कर रहे हैं, उस वित्त वर्ष के लिए अपनी कुल अनुमानित आय भी आपको बतानी होगी. इसमें यह भी बताना होगा कि आय की जिस राशि के लिए आप हलफनामा दाखिल कर रहे हैं, वह कितनी है. आपको यह भी बताना होगा कि आप इस तरह के कितने फॉर्म जमा कर रहे हैं. साथ ही पिछले वर्ष में जितनी सकल आय राशि के लिए फॉर्म जमा किए गए थे, उसकी जानकारी भी देनी होगी.
Q. किसी एक खाते में बैंक ब्याज 40 हजार रुपए से कम तब भी फार्म भरना होगा?
A. चाहे एक ही बैंक में अलग-अलग खाते हों या कई बैंकों में कई खाते हो, यदि कुल ब्याज आय 40 हजार रुपए से कम है तब फार्म जमा नहीं करने होंगे. लेकिन सभी बैंकों के खातों में कुल ब्याज आय 40 हजार रुपए से ज्यादा है तो हरेक बैंक में फार्म 15जी व 15एच देना चाहिए.
Q. हलफनामा में गलती हो गई है तो क्या करना होगा?
A. यदि आप टीडीएस बचाने के लिए गलत हलफनामा देते हैं तो आकलन अधिकारी आपकी और भी जांच कर सकता है. आपको यह भी सुनिश्चित करना है कि बैंकों की जितनी शाखाओं में आपको ब्याज आय मिलती है, उन सभी में फॉर्म जमा किए जाएं. हां, टीडीएस तभी कटेगा, जब सभी शाखाओं पर मिलने वाला ब्याज तय सीमा से अधिक हो जाएगा.
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